Mental Health || मेंटल हेल्थ से दिमाग की सेहत का कड़वा सच, ऐसे दोनों का ख्याल नहीं रखा तो....

शार्ट टेंपर आपकी मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा नहीं होता है. ऐसे में आज हम आपको आखिर क्यों गुस्सैल बन जाता है इंसान और कैसे इसपर काबू पाया (anger management) जा सकता है
Mental Health || मेंटल हेल्थ से दिमाग की सेहत का कड़वा सच, ऐसे दोनों का ख्याल नहीं रखा तो....
Mental Health || Image credits ।। cenva

Mental Health ||  गुस्सा आना नॉर्मल इमोशन है, जिसका अनुभव हर कोई समय-समय पर करता है. हालांकि, अगर कोई अपने गुस्से को कंट्रोल करने में असमर्थ महसूस करता है, तो यह रिश्तों और काम पर समस्याएं पैदा कर सकता है

Mental Health ||  गुस्सा (anger) एक सामान्य भावना है जिसका अनुभव हर कोई समय-समय पर करता है। चिड़चिड़ापन आपके मानसिक स्वास्थ्य (mental health) के लिए अच्छा नहीं है। बचपन का दर्द बड़े होकर गुस्से में बदल जाता है। उस घटना की बुरी यादें गुस्से के रूप में सामने आती हैंl क्योंकि वह अपनी समस्याओं (problems) को व्यक्त करने में असहज महसूस करते हैं। कभी हम जीवन में बुरी परिस्थितियों से गुजरते हैं। हार्मोनल परिवर्तन भी चिंता (tension) का कारण बन सकते हैं।

हालाँकि, यदि कोई अपने गुस्से को नियंत्रित करने में असमर्थ महसूस करता है, तो इससे रिश्तों और काम में समस्याएं (problems ) पैदा हो सकती हैं। वहीं, अगर कोई व्यक्ति कुछ समय पहले किसी आघात से गुजरा है तो उसका स्वभाव गुस्से (anger) वाला हो सकता है। अगर आप सही समय पर अपने गुस्से पर काबू पाना नहीं जानते तो आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।

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ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि इंसान को गुस्सा क्यों आता है और इसे कैसे कंट्रोल (control ) किया जा सकता है। कारण यह है कि जो लोग बचपन में दर्द, डिप्रेशन और चिंता से गुजरते हैं वे बड़े होकर क्रोधित होते हैं। इसके अलावा अगर बच्चा बचपन में खुलकर बात नहीं कर पाता है तो बड़ा होने पर वह आक्रामक (agressive) हो सकता है. जिसमें हम खुद को बेहद असहाय महसूस करते हैं, जो हमें गुस्से से भी भर देता है। योग, व्यायाम और ध्यान करें।

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3. चिंता

तनावपूर्ण घटनाओं के दौरान शरीर एड्रेनालाईन जैसे केमिकल्स का अधिक उत्पादन करता है, जो सामान्य रूप से शरीर को ऊर्जा देने में सहायक होता है, लेकिन ये दिल को लंबे समय तक खतरा पैदा कर सकते हैं।

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2. डिप्रेशन

व्यक्ति का भावनात्मक, शारीरिक और व्यावहारिक स्वास्थ्य डिप्रेशन से प्रभावित होता है। डिप्रेशन हृदय गति को बढ़ाता है और तनाव पैदा करने वाला हार्मोन कोर्टिसोल भी बनाता है। यह आपके दिल पर अधिक दबाव डालता है, जिससे वह ओवरड्राइव मोड में जा सकता है।  धूम्रपान और शराब पीना डिप्रेशन रोगियों में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है। 

1. एंग्जिया

एंग्जाइटी से हृदय और रक्तचाप की लय में भारी बदलाव हो सकते हैं। डर, जिससे शरीर में कोर्टिसोल का स्राव होता है, अक्सर एंग्जाइटी के साथ होता है। यह स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ाता है, जो पसीना आने और दिल की धड़कन को बढ़ाता है, जो आपके दिल को खतरे में डाल सकता है।