मशहूर TV न्यूज एंकर की गिरफ्तारी पर 2 राज्य की पुलिस में टकराव, राजस्थान व UP पुलिस आमने-सामने
दिल्ली : दिल्ली में बीजेपी नेता तजिंदर सिंह बग्गा को गिरफ्तार करने आई पंजाब पुलिस का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि अब नोएडा में एक मशहूर टीवी एकंर को गिरफ्तार करने राजस्थान पुलिस आ गई। लेकिन यहां दो राज्यों की पुलिस यानि राजस्थान पुलिस और यूपी पुलिस में गिरफ्तारी को लेकर टकराव हो गया। और दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए हैं।
अमन चोपड़ा को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस
उत्तर प्रदेश के नोएडा में टीवी न्यूज एंकर अमन चोपड़ा को गिरफ्तार करने पहुंची राजस्थान पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। चोपड़ा अपने घर पर नहीं मिले। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने स्थानीय पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने उन्हें काफी देर इंतजार करवाया, जिससे आरोपी को भागने का मौका मिल गया। नोएडा पुलिस ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। रविवार को इसे लेकर नोएडा में जमकर ड्रामेबाजी हुई।
डूंगरपुर पुलिस का आरोप
राजस्थान के डूंगरपुर के एसपी सुधीर जोशी ने कहा कि यह दूसरी बार है जब नोएडा पुलिस ने उनके काम में बाधा डाली। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस ने हमारी टीम को उनके साथ पुलिस स्टेशन आने के लिए कहा। हमारी टीम नोएडा पुलिस स्टेशन गई और उन्हें अमन चोपड़ा के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट दिखाया। इसके बाद जब टीम चोपड़ा के घर अरिहंत अपार्टमेंट पहुंची तो वह वहां नहीं मिले। जोशी ने आरोप लगाया कि एक हफ्ते पहले भी नोएडा पुलिस ने उनके साथ ऐसा ही किया था।
नोएडा पुलिस का आरोपों से इनकार
जोशी के आरोप पर जवाब देते हुए एसीपी-2 सेंट्रल नोएडा योगेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान पुलिस की एक टीम चोपड़ा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट लेकर दोपहर करीब 3 बजे बिसरख पुलिस थाने आई थी। उन्होंने कानूनी प्रक्रिया पूरी की और हमारे दो कर्मी उनके साथ गए। चोपड़ा के घर पर ताला लगा था, जिसके बाद उन्होंने वारंट को घर के बाहर चिपका दिया। सिंह ने कहा कि राजस्थान पुलिस के लोग खुद थाने आए थे। हमें किसी के आने की कोई जानकारी नहीं थी।
अपने शो में अमन चोपड़ा ने किया था ये दावा
राजस्थान पुलिस ने बताया कि चोपड़ा के खिलाफ 23 अप्रैल को आईपीसी और आईटी अधिनियम के तहत बिछिवाड़ा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। चोपड़ा ने अपने एक शो में कथित तौर पर दावा किया था कि जहांगीरपुरी केस का बदला लेने के लिए अलवर में एक सदियों पुराने मंदिर को ध्वस्त किया गया था।
